Tuesday, May 19, 2020

यही स्कूल का आनंद था! yehi school ka aanand tha a lockdown poem in hindi by Gulam Shaikh

यही स्कूल का आनंद था! 

स्कूल की घंटी ना बजे
यह फिक्र सताता था,
सवेरे स्कूल जाना 
मॉर्निंग वॉक हो जाता था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!

लगता स्कूल कोसों दूर था 
जब वो खुला था,
अब लगता है नजदीक था 
पर जाना मना था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!

मोबाइल मे डिजिटल पढना 
अच्छा तरीका था,
टीचर का "क,ख" पढाना
गुँजता पुरे कानो मे था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!

जब स्कूल चालू था 
जल्दी घर हमे आना था,
आज जब वो बंद था 
वही हमे जाना था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!

स्कूल मे दोस्तों के साथ 
बाते हमे कुछ करना था,
आज वो संभव नही 
क्योंकी लॉकडाऊन लगा था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!

घर पे रहे, सुरक्षित रहे 
यही हमारी आपसे प्राथना, 
स्कूल फिर से खुल जाए
इसीसे ही हमारा हर्ष था,
मन हमारा प्रसन्ना था
यही स्कूल का आनंद था!
                              __ गुलाम शेख

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